वैदिक आर्यों का मुख्य भोजन था
वैदिक आर्यों के भोजन में दूध घी दही आदि का प्रमुख महत्व था । ऋग्वेद में दूध में यव (जौ) डालकर खीर और दही में बनने वाले पनीर का उल्लेख मिलता है । जौ के सत्तू को दही में डालकर कर्म नामक भोज्य पदार्थ तैयार किया जाता था । चावल और नमक का उल्लेख नहीं मिला
निम्नलिखित में से कौन सा अन मनुष्य द्वारा सबसे पहले प्रयोग होने वाले में से था?
सर्वप्रथम जौ का प्रयोग हुआ था
वैदिक लोगों द्वारा किस धातु का पहले प्रयोग किया गया था?
ऋगवैदिक लोगों द्वारा सर्वप्रथम तांबे का प्रयोग मिलता है । ऋगवैदिक आर्य लोहे से परिचित नहीं थे
वेद शब्द का अर्थ है ?
किन तीन वेदों को संयुक्त रूप से वेदत्रयी कहा जाता है
ऋग्वेद यजुर्वेद सामवेद को वेदत्रयी कहा जाता है
आर्य सभ्यता में मनुष्य के जीवन के आयु के आरोही क्रम अनुसार निम्नलिखित चरणों में से कौन सा विकल्प सही है?
हिंदू धर्म शास्त्र में मनुष्य की आयु 100 वर्ष मानकर 25 25 वर्ष की अवधि निर्धारित की है ।
आर्य, आर्य-पूर्व के साथ अपने संघर्षों में सफल रहे क्योंकि
आरंभिक वैदिक काल में वर्ण व्यवस्था आधारित थी?
ऋग्वेदिक आर्य पशु चारी लोग थे यह तथ्य से पोस्ट होता है कि
ऋग्वेद में गाय की इतनी चर्चा है कि ऋग्वेद आर्यों को मुख्य रूप से गुस्साए कहा जा सकता है । गाय का 176 बार उल्लेख मिलता है इनके अधिकार युद्ध गाय को लेकर ही हुए,, भूमि से ज्यादा गाय को माना जाता था ।
आर्यों को एक जाति कहने वाला पहला यूरोपियन कौन था
आर्यन जनजातियों की प्राचीन बस्ती कहां है
निम्नलिखित में से कौन सी जनजाति सभा सामान्य रूप से जनजातीय सरदार के चुनाव में शामिल होती थी
ऋग्वेद में समिति का 9 बार उल्लेख मिलता है समिति को विश्व अथवा जनसाधारण की आवाज अभिव्यक्त करने वाली संस्था कहा जाता है । जनजातीय सरदार के मुखिया के निर्वाचन एवं पूननिर्वाचन में इसका महत्वपूर्ण योगदान था
राज्य अभिषेक समारोह का विवरण निम्नलिखित में से किस में किया गया है
वैदिक युग में राजा अपनी जनता से जो कर वसूलते थे उसे क्या कहते थे
राजा के द्वारा जनता से वसूला जाने वाला कर बली कहलाता था । बली को संग्रहित करने वाला अधिकारी भागदूध कहलाता था जबकि संग्रहीता कोषाध्यक्ष का कार्य संभालते थे
प्राचीन गायत्री मंत्र कहां से लिया गया है
प्राचीन गायत्री मंत्र ऋग्वेद के तृतीय मंडल से लिया गया है यह मंत्र सूर्य देवता को समर्पित है
भारतीय प्रतीक पर उत्कीर्ण सत्यमेव जयते कहां से लिया गया है
भारतीय प्रतीक चिन्ह सत्यमेव जयते मुंडकोपनिषद से लिया गया है इसका अर्थ है सत्य की ही विजय होती है
निम्न में से किस विदुषी ने, वाद विवाद में अजेय याज्ञवल्क्य को चुनौती दी थी
याज्ञवल्क्य को गार्गी द्वारा चुनौती दी गई थी । याज्ञवल्क्य गार्गी संवाद का उल्लेख बृहदारण्यकोपनिषद में मिलता है
प्राचीन भारत में निम्नलिखित में से किस विवाह को विधि सम्मत नहीं माना जाता था
हिंदू धर्म में विवाह को 16 संस्कारों में माना जाता है । प्राचीन भारत में विवाह के 6 प्रकार बताए गए हैं- ब्राह्मण विवाह देव विवाह आर्ष विवाह प्रजापत्य विवाह गंधर्व विवाह असुर विवाह राक्षस विवाह पैचास विवाह । इन विवाह में ब्रह्म विवाह देव विवाह और आर्विष विवाह को ही विधि सम्मत माना गया है