कालीबंगा का शाब्दिक अर्थ हैं
खुदाई के दौरान मिली काली चूड़ियों के कारण कालीबंगा नाम रखा गया
कालीबंगा सभ्यता किस नदी के किनारे फैली थी?
कालीबंगा सरस्वती व द्रषदती नदी के किनारे फैली थी | वर्तमान में इसे घग्घर नदी कहते हैं
निम्नलिखित में से किसने 1950-51 में कालीबंगा की पहचान की
सर्वप्रथम खोज ए घोष ने की और इसकी खुदाई 1961 में BK Lal और BK Thapar ने की , कार्बन पद्धति के अनुसार कालीबंगा 2300 ईपू पुरानी मानी गई है
कालीबंगा कहां स्थित है
हनुमानगढ़ में स्थित कालीबंगा में जूते हुए खेत के अवशेष मिले हैं । कमरों के ऊपर की ओर छेद किए हुए किवाड़ वह मुद्रा पर व्याघ्र का अंकन एकमात्र इसी स्थान पर मिला है पुलिस
निम्नलिखित में से किस पुरातात्विक स्थल से जूते हुए खेत के साक्ष्य प्राप्त हुआ है
कालीबंगा में जूते हुए खेत के अवशेष मिले हैं
निम्नलिखित में से कौन सा शब्द युग्म सही नहीं है
कालीबंगा का संबंध हनुमानगढ़ से है
ताम्र नगरी सभ्यता कहलाती है
उदयपुर में स्थित आहड सभ्यता से ताम्र उपकरण बर्तन काले व लाल रंग के मृदभांड आदि प्राप्त हुए हैं, इसे ताम्रवती और आघट दुर्ग या अघाटपुर भी कहते है
प्रो एच डी सांकलिया के निर्देशन में जिस सभ्यता स्थल का उत्खनन हुआ वह है
1961-62 में हंसमुख धीरजलाल सांकलिया के नेतृत्व में आहड़ पर उत्खनन करवाया गया, इसकी सर्वप्रथम खोज रामचंद्र अग्रवाल ने 1954 में की थी
आहड़ सभ्यता स्थित है
उदयपुर से 3 किलोमीटर दूर बनास नदी के पास धूलकोट के नीचे आहड का पुराना कस्बा दबा हुआ है जहां से ताम्र युगीन सभ्यता प्राप्त हुई
बनास संस्कृति निम्नलिखित में से किस स्थान से संबंधित है
आहड़ सभ्यता के लोग किस खाद्य पदार्थ से अच्छी प्रकार परिचित थे
आहड़ सभ्यता के लोग चावल से परिचित थे
गणेश्वर सभ्यता के अवशेष चिन्ह उपस्थित है
गणेश्वर सभ्यता सीकर जिले के नीमकाथाना तहसील में कानतली नदी के उद्गम स्थल पर स्थित है । इसका उत्खनन आरसी अग्रवाल और विजय कुमार ने 1977 में करवाया ।
गणेश्वर सभ्यता का संबंध किस नदी से है
प्राचीन गणेश्वर सभ्यता के अवशेष प्राप्त हुए हैं
बैराठ में किस सभ्यता के अवशेष प्राप्त हुए हैं
बैराठ में अशोक के शिलालेख मिले हैं, यहां से राजा मिनांडर (इंडो ग्रीक) की मुद्राएं भी मिली है
राजस्थान में अशोक का अभिलेख कहां प्राप्त हुआ था
मौर्य सभ्यता के प्रमाण निम्न में से किस स्थान पर उपलब्ध है
बैराठ प्राचीन काल में राजधानी थी
मत्स्य जनपद की राजधानी विराटनगर (बैराठ) में बीजक की पहाड़ी, भीम की डूंगरी तथा महादेव जी की डूंगरी स्थानों पर उत्खनन कार्य दयाराम साहनी द्वारा 1936 37 में व 1962 63 में नील रतन बनर्जी तथा कैलाश नाथ दीक्षित द्वारा किया गया । यह सभ्यता बाणगंगा नदी के किनारे विकसित हुई
मत्स्य जनपद की राजधानी थी
बीजक पहाड़ी स्थित है
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